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सी. एस. आई. आर. परियोजनाएं

दसवीं पंचवर्षीय योजना के अन्तर्गत सी.एस.आई.आर. ने अपनी संघटक प्रयोगशालाओं में शोध एवं विकास परियोजनाओं के चयन एवं कार्यान्वयन में एक नया प्रयास किया है जिसमें संघटक प्रयोगशालाओं में बहुअनुशासनिक क्षेत्रों में संसाधन और क्षमताओं की नेटवर्किंग पर विशेष बल दिया गया और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से उपयोगिता में समुचित वृद्धि हुई। इन नेटवर्क परियोजनाओं में आवश्यक रूप से शोध एवं विकास परियोजनाओं और सामर्थ्य एवं सुविधा निर्माण के मूल लक्ष्य पर जोर दिया गया।

बारहवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान सीएसआईआर – आईआईटीआर निम्नलिखित नेटवर्क परियोजनाओं में भाग ले रहा है:

क्र.सं. परियोजना का नाम प्रधान अन्वेषक नोडल लैब
1 - स्वास्थ्य, बीमारी और पर्यावरण विषाक्तता में एकीकृत नेक्स्ट्जेन दृष्टिकोण डॉ. देवेंद्र परमार सीएसआईआर – आईआईटीआर
2 - नैनोमटेरियल्स: अनुप्रयोग और सुरक्षा पर प्रभाव, स्वास्थ्य और पर्यावरण डा. ऋषि शंकर सीएसआईआर - आईआईटीआर
3 - उन्नत दवा वितरण प्रणाली डॉ. के.सी. गुप्ता सीएसआईआर - आईआईसीटी
4 - होमेओस्टेसिस त्वचा सेल की समझ की ओर डा. सुशील कुमार सीएसआईआर – आईजीआईबी
5 - रोग गतिशीलता की समझ की ओर और ड्रग डिस्कवरी में तेजी लाने के लिए नए तरीके डॉ. डी. कार चौधरी सीएसआईआर – सीडीआरआई
6 - पौध संसाधनों और अन्य प्राकृतिक उत्पादों की बायोप्रोस्पेक्शन डॉ. पूनम कक्कड़ सीएसआईआर – एनबीआरआई
7 - नीउरोड़ीजेनीरेटिव रोग: कारण और सुधार डा. एम.पी. सिंह सीएसआईआर - आईआईसीबी
8 - वस्त्र उद्योग में इस्तेमाल होने वाले बेंज़न्थ्रोन आधारित डाई मध्यवर्ती के त्वचीय विषाक्तता के आण्विक तंत्र का मूल्यांकन: असकोरबिक एसिड द्वारा निवारण डा. के.एम. अंसारी़ सीएसआईआर - आईजीआईबी
9 - बायोथेरापिउटिक अणु की खोज के लिए केन्द्र डॉ. एन. मणिक्कम सीएसआईआर - इमटैक
10 - सीएसआईआर ज्ञान का प्रवेश द्वार और ओपन सोर्स निजी क्लाउड के लिए बुनियादी सुविधा श्री निखिल गर्ग सीएसआईआर - निस्केयर
11 - जीवविज्ञान को समेकित करने के लिए जीनोमिक्स और इन्फॉर्मैटिक्स समाधान डॉ. शैलेन्द्र कुमार गुप्ता सीएसआईआर - आईएमटी
12 - स्टेम सेल बायोलॉजी और पुनर्योजी चिकित्सा के लिए औषधीय रसायन विज्ञान डा. रजनीश चतुर्वेदी सीएसआईआर – आईआईआईएम
13 - स्वास्थ्य और रोग में एपिजेनेटिक्स डॉ. के.पी. गुप्ता सीएसआईआर - सीसीएमबी
14 - विज्ञान और प्रौद्योगिकी में मापन अभिनव डा. आर.सी. मूर्ति सीएसआईआर - एनपीएल
15- स्वच्छ जल: सतत विकल्प डॉ. कुवांर पाल सिंह सीएसआईआर - नीरी

11वीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत सीएसआईआर-आईआटआ ने निम्नलिखित परियोजनाओं में प्रतिभागिता की

सुप्रा इंस्टींट्यूशनल प्रोजेक्टर :

  • अन्वेषीय विषविज्ञान :- नया उदाहरण

यह एक अंतर -प्रयोगशाला परियोजना है जिसमें ‘’विषविज्ञान के वर्तमान पहलुओं’’ पर अनुसंधान संचालित किया गया है ।

नेटवर्क परियोजनाएं :

  • पर्यावरण प्रदूषण नयी संवीक्षा प्रौद्योगिकी और मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव ।
  • प्लाज्मा प्रोटियोमिक्स-स्वास्थ्य, पर्यावरण एवं रोग ।
  • आनुवंशिक संशोधित खाद्य हेतु संदर्भ सुविधा की स्थापना ।
  • भारत की समृद्ध माइक्रोबियल विविधता का उपयोग ।
  • प्रदूषित स्थलों , जल स्रोतों और भूजल का उपचार/पारिस्थिति प्रत्यावर्तन तथा सफाई ।
  • एलर्जीएब्रोंकियल अस्थमा तथा क्रोनिंक आबस्ट्रक्टिव पलमोनरी रोग हेतु नैदानिक और लक्ष्या आधारित मालीक्यूलर औषधि का विकास ।
  • नई औषधियों के मूल्यांकन के लिए नये वैकल्पिक मॉडल का विकास और चिन्ह्ति जॉच मॉडल का विधिमान्यकरण ।
  • स्वास्थ्य तथा रोग में उपयोग हेतु नैनोमैटेरियल तथा नैनोडिवाइसेस ।
  • नये बायोएक्टिव मालीक्यूल्स (प्राकृतिक एवं अर्ध संश्लेषित) तथा परम्परागत विरचन की खोज एवं पूर्व नैदानिक अध्ययन ।
  • मेट्रोलोजी में प्रगति ।
  • विभिन्न संकटग्रस्त क्षेत्रों में जल स्रोतों का धारणीय विकास और प्रबंधन ।
  • वैश्विक स्थिति हेतु नये वैज्ञानिक हर्बल विरचन ।
  • व्यापक परम्परागत ज्ञान हेतु अंकीय पुस्तकालय ।

इनमें 'पर्यावरण संदूषण:- नई जांच प्रौद्योगिकी और मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव' परियोजना हेतु आई.आई.टी.आर. नोडल प्रयोगशाला है और अन्य परियोजनाओं में प्रतिभागी प्रयोगशाला है ।

10वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान सीएसआईआर-आईआईटीआर ने निम्नलिखित परियोजनाओं में प्रतिभागिता की :

नेटवर्क परियोजनाएं :

  • एनीमल मॉडल तथा एनीमल वैकल्पिक प्रौद्योगिकी ।
  • एस्थमा और एलर्जी विकार प्रशमन मिशन कार्यक्रम ।
  • व्यापक परम्परागत जानकारी हेतु अंकीय पुस्तकालय ।
  • कठोर चट्टान क्षेत्रों में भूमिजल के प्रबंधन और अन्वेषण आंकलन हेतु तकनीक प्रक्रिया का विकास करना ।
  • नये बायोएक्टिव्स तथा परम्परागत विरचन की खोज एवं विकास वाणिज्यीकरण ।
  • आनुवंशिक संशोधित/अभियांत्रिक औषधियों की सुरक्षा मूल्यांकन हेतु उन्नत सुवि‍धाओं की स्थापना करना ।
  • औद्योगिक कचरे को कम करके सफाई करना।
  • वैश्विक स्थिति हेतु नये वैज्ञानिक हर्बल विरचन ।
  • फिजिको मैकानिकल तथा इलेक्‍ट्रिकल और इलेक्‍ट्रानिक मानक ।
  • प्रदूषण अनुवीक्षण, प्रशमन प्रणाली और उपकरण ।
  • रिपीट और सिंगल न्यूक्लियोटाइड पॉलीमार्फिज्म का उपयोग कर प्रीडिक्टिव मेडीसिन का अध्ययन ।
  • बायोमार्कर के विकास हेतु औद्योगिक रसायनों से प्रभावित भारतीय जनसंख्या में जेनेटिक पॉलीमार्फिज्म का टाक्सीकोजीनोमिक्स ।

इनमें 'बायोमार्कर के विकास हेतु औद्योगिक रसायनों से प्रभावित भारतीय जनसंख्या में जेनेटिक पॉलीमार्फिज्म का टाक्सीकोजीनोमिक्स' परियोजना में सीएसआईआर-आईआईटीआर एक नोडल प्रयोगशाला और अन्य परियोजनाओं में प्रतिभागी प्रयोगशाला थी ।