वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की स्थापना सितंबर 1942 में हुई थी। यह विविध विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में अपने अत्याधुनिक अनुसंधान एवं विकास ज्ञान आधार हेतु संपूर्ण विश्व में जाना जाता है। सीएसआईआर की देश भर में 39 प्रयोगशालाएं हैं। यह देश का सबसे बड़ा सार्वजनिक वित्त पोषित अनुसंधान एवं विकास संगठन है। इसके पास विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के व्यापक क्षेत्र : रेडियो एवं अंतरिक्ष भौतिकी, समुद्र विज्ञान, भूभौतिकी, रसायन, औषधि, जीनोमिक्स, जैवप्रौद्योगिकी तथा नैनोप्रौद्योगिकी से लेकर खनन, वैमानिकी, इंस्ट्रूमेंटेशन, पर्यावरण इंजीनियरिंग और सूचना प्रौद्योगिकी तक को कवर करने की विशेषज्ञता है । सीएसआईआर विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकीय कार्य एवं सहायता प्रदान करता है, जिसमें पर्यावरण, स्वास्थ्य, पेयजल, भोजन, आवास, ऊर्जा, कृषि एवं गैर-कृषि क्षेत्र आदि सम्मिलित हैं।
सीएसआईआर-आईआईटीआर, लखनऊ में 28 सितंबर 2022 को सीएसआईआर का 81वां स्थापना दिवस मनाया गया।
प्रोफेसर एन. मणिक्कम, मुख्य वैज्ञानिक, सीएसआईआर-आईआईटीआर ने सभा का स्वागत करते हुए कहा कि किसी भी संगठन का स्थापना दिवस भविष्य के लिए रणनीति बनाने का भी सही समय होता है। उन्होंने कहा कि सीएसआईआर नवाचारों में सबसे आगे रहा है एवं इसने वर्तमान समय की अपेक्षाओं के अनुकूल स्वयं को उपयुक्त रूप से रूपांतरित किया है।
समारोह के सम्मानीय अतिथि, प्रोफेसर एस. के. बारिक, निदेशक सीएसआईआर - राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान ने सीएसआईआर के बारे में अपने विचार साझा किए और कहा कि एक संगठन के जीवन में 80 वर्ष बहुत अधिक होते हैं। यह वास्तव में जश्न मनाने एवं प्रसन्न होने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद, निदेशक, डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ ने सीएसआईआर स्थापना दिवस व्याख्यान, विषय - “मेरी वैज्ञानिक यात्रा को प्रेरित करने में सीएसआईआर की भूमिका” के बारे में प्रकाश डाला। उन्होंने व्याख्यान देते हुए वर्तमान समय की चिकित्सा चुनौतियों से निपटने में स्टेम सेल अनुसंधान की भूमिका का वर्णन किया। उन्होंने यह भी कहा कि भ्रूण एवं मेसेनकाइमल स्टेम सेल, दोनों के विभिन्न चिकित्सीय अनुप्रयोग उन्हें चिकित्सा से संबंधित लोगों को एक आशाजनक विकल्प उपलब्ध कराते हैं।
डॉ. भास्कर नारायण, निदेशक, सीएसआईआर-आईआईटीआर ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में सुझाव दिया कि विज्ञान के प्रति एक उत्साही के रूप में, किसी को भी "लर्न टू अनलर्न टू रीलर्न" की अवधारणा हेतु हमेशा खुला रहना चाहिए। उन्होंने शहर के विभिन्न वैज्ञानिक संस्थानों के बीच सहयोग की प्रासंगिकता पर भी बल दिया। डॉ. नारायण ने सीएसआईआर-आईआईटीआर द्वारा पूर्व में किए गए महत्वपूर्ण अनुसंधान एवं विकास योगदान की प्रशंसा करते हुए आशा व्यक्त की कि संस्थान समाज हेतु और अधिक सार्थक तरीकों से योगदान करना जारी रखेगा। डॉ. भास्कर नारायण ने कामना की कि सीएसआईआर-आईआईटीआर के कार्मिक एवं शोध छात्र जीवन के सभी क्षेत्रों में प्रसन्न, स्वस्थ एवं रचना करने वाले बने रहें।
इस अवसर पर आगंतुकों के आने एवं वैज्ञानिक समुदाय के साथ बातचीत करने के लिए संस्थान को खुला रखा गया था। स्थानीय स्कूलों तथा कॉलेजों के लगभग 100 छात्रों को संस्थान में आमंत्रित किया गया था। 23 सितंबर, 2022 को सीएसआईआर कर्मचारियों के बच्चों हेतु एक निबंध लेखन प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। इस प्रतियोगिता हेतु समारोह के दौरान बच्चों को पुरस्कार प्रदान किए गए। समारोह के दौरान संस्थान ने परिषद की 25 वर्ष सेवा पूर्ण करने वाले अपने कार्मिकों एवं पिछले वर्ष के दौरान सेवानिवृत्त हुए कार्मिकों को भी मान्यता प्रदान की और उन्हें सम्मानित किया गया।
संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. आलोक कुमार पाण्डेय ने धन्यवाद ज्ञापित किया।