सी.एस.आई.आर.-भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-आईआईटीआर), लखनऊ, में 10 जनवरी, 2022 को "विश्व हिंदी दिवस" का ऑनलाइन आयोजन किया गया। यह समारोह आजादी के अमृत महोत्सव के कार्यक्रमों की श्रृंखला में आयोजित किया गया था। प्रो. सूर्यप्रसाद दीक्षित, पूर्व विभागाध्यक्ष, हिंदी विभाग, लखनऊ विश्वआविद्यालय समारोह के मुख्य अतिथि थे और प्रोफेसर एस.के. बारिक, निदेशक, सीएसआईआर-आईआईटीआर ने समारोह की अध्यक्षता की। श्री चन्द्र मोहन तिवारी, हिंदी अधिकारी, सीएसआईआर-आईआईटीआर ने सभी का स्वागत करते हुए मुख्य अतिथि का परिचय दिया। विश्व हिंदी दिवस के कार्यक्रम में संस्थान में हिंदी पुस्तकों की प्रदर्शनी भी लगाई गई थी । प्रदर्शनी में विज्ञान, दर्शन, साहित्य एवं धर्म आदि से संबंधित अनेक पुस्तकों को पाठकों हेतु प्रदर्शित किया गया था।
मुख्य अतिथि महोदय ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी भाषा देश और विदेश में तेजी से बढ़ रही है। अनेक देशों की भाषाओं में हिंदी के शब्द बहुतायात में व्याप्त हैं, उन्होंने फिजी, मारीशस आदि का उदाहरण दिया। हमारे पड़ोसी देश नेपाल आदि की भाषा भी हिंदी शब्दों से परिपूर्ण है । हिंदी भाषा में अंतरराष्ट्रीय चेतना, साहित्यिक संपदा और शब्द सामर्थ्य है। अंतरराष्ट्रीय भाषा को इन्हीं गुणों से परिपूर्ण होना चाहिए और हिंदी में यह सभी गुण हैं। आज अनेक देशों में विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। हिंदी तेजी से अंतरराष्ट्रीय भाषा का रूप लेती जा रही है।
निदेशक महोदय ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि हिंदी मुझे बचपन से ही बहुत अच्छी लगती थी इसमें जो मिठास है वह अन्य भाषाओं में नहीं। उन्होंने कहा कि हम सबको हिंदी भाषा के विकास के प्रयास मन से करना चाहिए। आज विज्ञान और हिंदी को जोड़ने की आवश्यकता है, हम इसके लिए शपथ लें। ऐसी व्यवस्था विकसित करना चाहिए जिससे लोग हिंदी माध्यम में पढ़कर भी वैज्ञानिक बन सकें। समारोह के अंत में श्रीमती अनीता सिंह, प्रशासन नियंत्रक, सीएसआईआर-आईआईटीआर ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।