सीएसआईआर-भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान, (सीएसआईआर-आईआईटीआर) लखनऊ में दो दिवसीय राष्ट्रीय वैज्ञानिक संगोष्ठी "पर्यावरण प्रदूषण: कारण एवं निवारण" का उद्घाटन समारोह दिनांक 20 अक्टूबर, 2016 को प्रातः 11:00 बजे आयोजित हुआ। इस अवसर पर मुख्यह अतिथि श्री राम नाईक, माननीय राज्यपाल, उत्तर प्रदेश थे जिन्होंने संस्थान द्वारा विकसित प्रौद्योगिकी की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। माननीय राज्यपाल जी ने संस्थान में वृक्षारोपण भी किया। संस्थान के एस॰एच॰ ज़ैदी सभागार में राष्ट्रगीत के पश्चात माननीय राज्यापाल जी ने दीप प्रज्व्चलित कर संगोष्ठी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने संस्थान से प्रकाशित राजभाषा पत्रिका ''विषविज्ञान संदेश'' के अंक 25 और 26, वर्ष 2016-17 का विमोचन भी किया। साथ ही माननीय राज्यपाल जी ने श्री चन्द्रा मोहन तिवारी, हिंदी अधिकारी, आईआईटीआर को राजभाषा कार्यान्वयन में उत्कृष्ट कार्य हेतु प्रतीक चिह्न प्रदान किया।
इस दो दिवसीय संगोष्ठी में सीएसआईआर की 16 प्रयोगशालाओं, 4 अन्य अनुसंधान और विकास संस्थानों एवं 9 विश्वविद्यालयों से 100 से अधिक वैज्ञानिक-गण, शोध छात्रों ने प्रदूषण जैसी ज्वलंत समस्या और इसके कारण तथा निवारण के बारे में चर्चा हेतु भाग लिया।
अपने संदेश में माननीय राज्यपाल महोदय ने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण, इसके कारण एवं निराकरण की खोज करना वैज्ञानिकों के लिए एक चुनौती है। उन्होंने लखनऊ के ट्रैफिक जाम के कारण होने वाले प्रदूषण पर चिंता व्यक्त किया। पर्यावरण संरक्षण का दायित्व भारत सरकार, राज्य सरकार एवं हम सभी पर है। औद्योगीकरण, नगरीकरण तथा विकास की तीव्र गति से पर्यावरण को क्षति पहुँची है। वैज्ञानिकों, शोध छात्रों से उनका आग्रह है कि इस दो दिवसीय राष्ट्रीय वैज्ञानिक संगोष्ठी में इस पर गहन चर्चा कर निदान हेतु एक रिपोर्ट राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार को भेजें। माननीय राज्यपाल जी ने कहा जहॉं भी शौचालय हों, वहॉं पर सफाई की व्यवस्था भी अच्छी तरह से की जानी चाहिए, जिससे स्वच्छता बनी रहे और जहां पर शौचालय पर्याप्त नहीं हैं, वहां पर नए शौचालय बनाए जाने चाहिए, जिससे लोगों को खुले में शौच न जाना पड़े।
प्रोफेसर आलोक धावन, निदेशक, सीएसआईआर–आईआईटीआर ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि आज वैज्ञानिक संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि परम आदरणीय श्री राम नाईक जी, माननीय राज्यसपाल, उत्तर प्रदेश की हमारे संस्थान में उपस्थिति से आज का दिन हमारे संस्थाान के लिये यादगार बन गया है। माननीय राज्यपाल के रूप में आज हमारे बीच एक ऐसा व्यक्तित्वक उपस्थित है, जिसने स्वयं 50 वर्षों से अधिक जनसाधारण के कल्याण एवं पर्यावरण सुरक्षा हेतु उल्लेखनीय योगदान दिया है। हम सभी को अवगत कराना चाहेंगे कि इस संस्थान के वैज्ञानिकों ने पर्यावरण प्रदूषण एवं इसके निराकरण हेतु विश्व स्तरीय कार्य किया है तथा पर्यावरण निगरानी, खाद्य सुरक्षा और पेयजल योजनाओं में विशेष योगदान दे रहा है। स्किल इण्डिया कार्यक्रम के तहत देश के 10 से अधिक प्रदेशों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कर्मियों को संस्थान में प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश जल संस्थान एवं उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कर्मचारियों को निरंतर सहयोग दिया जा रहा है। इस संस्थान द्वारा प्रकाशित हमारी पर्यावरण निगरानी रिपोर्ट (इन्वारमेन्टैल मॉनीटरिंग रिपोर्ट) से स्थानीय प्रशासन को नगरीय पर्यावरण प्रबंधन हेतु दिशा-निर्देश लागू करने में निरंतर सहायता मिलती है।