अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक संगोष्ठी "पर्यावरण, स्वास्थ्य, जैव एवं सूचना प्रौद्योगिकी: नूतन सोपान" (हिमावैस-2005)
जैव प्रौद्योगिकी: पर्यावरण एवं मानव स्वास्थ्य के पूर्णतया सफल आयोजन उपरांत वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन हेतु कार्य प्रारंभ किया और 28 फरवरी से 02 मार्च, 2005 के दौरान "पर्यावरण, स्वास्थ्य, जैव एवं सूचना प्रौद्योगिकी: नूतन सोपान (हिमावैस- 2005)" विषय पर हिंदी माध्यम में अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में प्रस्तुत किए गए शोध पत्रों का संकलन, "पर्यावरण एवं स्वास्थ्य: जैव प्रौद्योगिकी के बढ़ते कदम" के नाम से विश्व पर्यावरण दिवस जून, 2006 के अवसर पर प्रकाशित किया गया।
इस शोध पत्र संकलन में पर्यावरण संरक्षण एवं प्राकृतिक स्त्रोत, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण ही वर्तमान सदी में पर्यावरण एवं स्वास्थ्य का लाभकारी सूचक, उत्तरी भारत में तंबाकू सेवन त्यागने, पर्यावरण प्रदूषण का आँखों पर प्रभाव, ऑक्सीकरण प्रेरित नेत्र के लेंस अपारदर्शिता से बचाव में एल्डीहाइड डिहाइड्रोजीनेज़-1 की भूमिका, भारत में विटामिन ए हेतु कार्यनीति, कचरा: विष या वरदान, वाष्पशील कार्बनिक रसायन एवं उनका नियंत्रण आदि विषयों पर शोध पत्रों का प्रकाशन हुआ।