हस्तांतरण के लिए उपलब्ध प्रौद्योगिकी

आर्जीमोन तेल अपमिश्रण जांच किट

आर्जीमोन मेक्सिकाना तेल युक्‍त मिलावटी सरसों के तेल के उपभोग के कारण जो महामारी होती है उसे प्रचलित रूप में ड्राप्‍सी के नाम से जाना जाता है । पिछले समय में ऐसी कई घटनाओं की जानकारी मिली है । दिल्‍ली में अगस्‍त, 1998 की ड्राप्‍सी घटना देश की सबसे बड़ी घटना है जिसमें 2500 से ज्‍यादा लोग बीमार हुए 60 से ज्‍यादा लोग मर गये ।
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ओनीर: पेयजल के कीटाणुशोधन हेतु एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण

यह उपकरण एनोडिक ऑक्सीकरण के सिद्धांत पर आधारित है। यह उपकरण विशेष रूप से रोगजनक सूक्ष्मजीव युक्त पेयजल आपूर्ति के उपचार के लिए उपयोगी है एवं रोगजनक सूक्ष्मजीवों को दूरकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानकों (विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (ईपीए) यूएसए के अनुसार समुदाय को सुरक्षित पेयजल प्रदान करने के लिए उपयोगी है। इसकी उच्च कीटाणुशोधन क्षमता > 8 लॉग बैक्टीरिया (ई कोली) में कमी करने की है और यह रखरखाव मुक्त है। यह एक कम लागत वाला पानी कीटाणुशोधन उपकरण है जो कि यूवी प्रौद्योगिकी के विपरीत खारे या गंदे (टर्बिड) जल का भी उपचार कर सकता है। जल के उपचार की लागत 1 पैसा / प्रति लीटर से भी कम है। घरेलू उपकरण घरों और छोटे प्रतिष्ठानों के लिए 10 लीटर जल की आपूर्ति कर सकता है तथा ऑनलाइन उपकरण 450 लीटर सुरक्षित जल की आपूर्ति समुदाय के लिए कर सकता है।

समुदायों के लिए ओनीर

घरों और छोटे प्रतिष्ठानों के लिए ओनीर

सचल प्रयोगशाला वैन

दूरदराज के गांवों में पेयजल नमूनों में प्रदूषकों एवं रोगाणुओं के विश्लेषण हेतु सीसीआईआर-आईआईटीआर द्वारा एक वातानुकूलित सचल जल-परीक्षण प्रयोगशाला विकसित की गई है और इसका पेटेंट (भारतीय पेटेंट नंबर 177443) भी कराया गया है। इसे देश भर में विस्तृत जल-गुणवत्ता की जाँच हेतु सर्वेक्षण के लिए व्यापक रूप से इस्तेमाल किया गया था। अब सचल प्रयोगशाला को वायु, जल और मृदा की गुणवत्ता के साथ-साथ जनमानस की प्रारंभिक स्वास्थ्य परीक्षा और संबंधित नैदानिक उपयोग हेतु नया स्वरूप दिया जा रहा है। ग्रामीण आबादी के बीच जागरूकता कार्यक्रम के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकता है। इसे विद्युत आपूर्ति के अभाव में जनरेटर, इन्वर्टर अथवा सौर ऊर्जा द्वारा संचालित किया जा सकता है।

एम.ओ. चेक स्ट्रिप

सरसों के तेल में 0.001% (10 पीपीएम) की सीमा तक बटर-यलो रंग की मिलावट की जाँच के लिए आसान, त्वरित, और सस्ती कागज़ की रसायन लेपित परीक्षण पट्टी (एम.ओ. चेक) का सीएसआईआर–आईआईटीआर द्वारा विकास किया गया है। इससे किसी भी स्थान पर सरसों के तेल की जाँच की जा सकती है । यदि तेल में मिलावट है, तो परीक्षण करने वाले तेल की एक बूंद को पट्टी पर रखने पर जो रंग दिखता है उसे तुलनकारी चार्ट के रंग से मिलान कर मिलावट की मात्रा के बारे में जाना जा सकता है।

अल्जाइमर डीज़ीज़ (मानसिक रोग) हेतु ए.डी. मॉडल

एक “अल्जाइमर रोग के मॉडल (ए.डी.)” में प्रारंभिक ए.डी. हेतु एक गैर-ट्रांसजेनिक रैट मॉडल के लक्षण होते हैं, जिसमें आर्सेनिक (एएस) कैडियम (सीडी) और लेड (पीबी) धातु के मिश्रण का उपयोग करते हुए चूहे के कॉर्टेक्स और हिपोकैम्पस में बढ़ी हुई सहक्रियाशीलता एमिलोइडोजेनिसिटी का वर्णन करते हैं। यह मॉडल (i) ए डी निर्देशित औषधि की जॉंच, और (ii) ए डी पैथोजेनिसिटी की क्रियाविधि निर्धारण के उपकरण की भांति कार्य कर सकता है । इसकी विशेषता अबेटा-मध्यिवर्ती एपोपटोसिस और कृंतक मस्तिष्क में सूजन का प्रेरण है। आविष्कार की विशेषता ए डी के लिए नवीन तारिकाकोशिका (एस्ट्रोषसाइट) और स्नाीयु कोशिकीय मॉडल है, जो आर्सेनिक (एएस) कैडियम (सीडी) और लेड (पीबी) धातुओं के मिश्रण का उपयोग कर बढ़े हुए सहक्रियाशील एमिलोइडोजेनिसिटी का वर्णन करते हैं। यह मॉडल (ए) तारिकाकोशिका तथा स्नाइयु में ए डी निर्देशित औषधि की जॉंच और (बी) कोशिका में ए डी पैथोजेनिसिटी के तंत्र के निर्धारण में उपकरण की भांति कार्य कर सकता है। इसकी विशेषता अबेटा मीडिएटेड एपोपटोसिस और तारिकाकोशिका तथा स्नाायु में सूजन का प्रेरण है।

Twin-window Slides

Circular Electrophoresis

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निदेशक
सीएसआईआर-भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान
विषविज्ञान भवन, 31, महात्मा गॉधी मार्ग
लखनऊ-226 001, उत्तर प्रदेश, भारत
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