राष्ट्रीय वैज्ञानिक संगोष्ठी- "जैव प्रौद्योगिकी: पर्यावरण एवं मानव स्वास्थ्य"

राजभाषा स्वर्ण जयंती वर्ष के शुभ अवसर पर संस्थान में दिनांक 12-13 सितंबर, 2000 के दौरान दूसरी राष्ट्रीय वैज्ञानिक संगोष्ठी- "जैव प्रौद्योगिकी: पर्यावरण एवं मानव स्वास्थ्य" का आयोजन किया गया। इस आयोजन का प्रयास शोध पत्र प्रस्तुतीकरण एवं वैज्ञानिक परिचर्चा की दृष्ठि से अत्यंत सार्थक एवं सफल रहा । जैव प्रौद्योगिकी, पर्यावरण एवं मानव स्वास्थ्य से संबंधित वैज्ञानिकों, शोध छात्रों, अध्ययन - अध्यापन से जुड़े एवं इन विषयों में रुचि रखने वाले लोगों के लिए उपयोगी, इस संगोष्ठी की विवरण पुस्तिका का विमोचन दिनांक 28.02.2001 को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर किया गया । इस विवरण पुस्तिका में जैव- प्रौद्योगिकी का मानव जाति एवं स्वच्छ पर्यावरण में योगदान, जैव – प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण प्रदूषण, आर्सेनिक का मानव स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव एवं निदान, टीके के विकास में नवीन दृष्टिकोण एवं प्रौद्योगिकी, जलीय पौधों का विषाक्त धातुओं के निवारण में योगदान, खाद्य पदार्थों में संक्रामक रोग पैदा करने वाले जीवाणु की शीघ्र एवं सही पहचान हेतु पीसीआर विधि का उपयोग सहित अनेक महत्वपूर्ण विषयों से संबंधित शोधपत्र हिंदी में प्रकाशित हुए।

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